फिल्म समीक्षा: ‘संत मारो सेवालाल’
फिल्म समीक्षा: ‘संत मारो सेवालाल’ – बंजारा समाज की संस्कृति और संत सेवालाल की शिक्षाओं पर आधारित एक प्रेरक फिल्म

🎬 फिल्म समीक्षा: ‘संत मारो सेवालाल’
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐☆ (4/5)
निर्देशक: अरुण मोहन राठोड
मुख्य कलाकार: आशुतोष राठोड, दीपाली सय्यद
संगीत: बबली हक
भाषा: बंजारा (गोरमाटी)
रिलीज़ तिथि: 13 जनवरी 2023
निर्माता: अशोक तुकारामराव कामले, दीपाली सय्यद
🌿 कहानी:
‘संत मारो सेवालाल’ फिल्म संत सेवालाल महाराज के जीवन, उनके सामाजिक कार्य और बंजारा समुदाय के उत्थान के लिए किए गए संघर्ष पर आधारित है। फिल्म में बताया गया है कि किस तरह संत सेवालाल ने अन्याय, भेदभाव और अंधविश्वास के खिलाफ आवाज उठाई और अपने समाज को एक नई दिशा दी।
यह फिल्म बंजारा समाज की पारंपरिक संस्कृति, कठिनाइयों और सामाजिक असमानताओं को प्रभावशाली ढंग से पेश करती है।
🎭 अभिनय:
आशुतोष राठोड ने संत सेवालाल की भूमिका में अत्यंत भावनात्मक और गहन अभिनय किया है। उनका अभिनय किरदार को जीवंत बनाता है। दीपाली सय्यद, जो इस फिल्म की निर्माता भी हैं, ने इस ऐतिहासिक विषय को सिनेमा के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई है।
🎵 संगीत:
बबली हक द्वारा रचित संगीत बंजारा लोकधुनों और पारंपरिक गाथाओं से प्रभावित है। गीत फिल्म की आत्मा हैं और कहानी के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं। संगीत का संयोजन फिल्म के सामाजिक और आध्यात्मिक संदेश को और प्रभावी बनाता है।
🌟 मुख्य विशेषताएँ:
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यह पहली फिल्म है जो बंजारा (गोरमाटी) भाषा में बनी है, जो इसे सांस्कृतिक रूप से विशिष्ट बनाती है।
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फिल्म का पोस्टर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा राजभवन में जारी किया गया था, जिससे फिल्म को अतिरिक्त मान्यता मिली।
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यह सिर्फ एक धार्मिक या ऐतिहासिक फिल्म नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक सुधार और जागरूकता का माध्यम भी है।
✅ निष्कर्ष:
‘संत मारो सेवालाल’ एक विचारोत्तेजक, सांस्कृतिक और प्रेरणादायक फिल्म है, जो न केवल बंजारा समाज के लिए, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए एक मूल्यवान संदेश लेकर आती है। यदि आप भारतीय समाज की विविधता, लोकसंस्कृति और संत परंपरा को समझना चाहते हैं, तो यह फिल्म ज़रूर देखें।
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